कंपनी सेक्रेटरी स्टार्टअप्स और कृषि-आधारित व्यवसायों के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं : सतीश चंद्र दुबे
पटना, 12 सितंबर 2025 : द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) ने ‘एस्पिरेशनल ईस्ट’ शीर्षक से एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें स्टार्टअप्स, एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) और एग्री-बिजनेस जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर कोयला एवं खनन राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, और सांसद राज्यसभा, उपेन्द्र कुशवाहा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
अपने संबोधन में श्री दुबे ने राष्ट्रीय स्तर पर कृषि को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए आईसीएसआई की इस अनूठी पहल की सराहना की और भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कंपनी सेक्रेटरी स्टार्टअप्स और कृषि-आधारित व्यवसायों के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ये दोनों क्षेत्र देश को सतत आर्थिक विकास की दिशा में आगे ले जाने की क्षमता रखते हैं। कंपनी सेक्रेटरी देश के युवाओं को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करते हुए इस क्षेत्र को मजबूत बनाने में सक्षम हैं।”
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि “कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और मैं आईसीएसआई को बधाई देता हूँ कि उसने इस संगोष्ठी का आयोजन किया, जो कंपनी सेक्रेटरीज़ को किसानों को टिकाऊ एवं लाभकारी प्रथाओं की ओर मार्गदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि कंपनी सेक्रेटरीज़ को फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन्स को पेशेवर सहयोग, निरीक्षण और दिशा-निर्देश प्रदान कर उनका समर्थन करना चाहिए। संगोष्ठी में विभिन्न विषयों पर हुई चर्चाओं में बिहार के एग्री-बिजनेस क्षेत्र और उससे आगे के लिए एक प्रगतिशील दिशा तय की गयी, जिनमें शामिल थे: एग्री-बिजनेस एवं एफपीओ इकोसिस्टम का अवलोकन तथा एफपीओ में सुशासन को सुदृढ़ कर मूल्य सृजन – कंपनी सेक्रेटरी के लिए अवसर, वित्तीय पहुँच और नीतिगत सहयोग – एफपीओ को सशक्त बनाने में कंपनी सेक्रेटरी की भूमिका, कृषि-इकोसिस्टम का डिजिटलीकरण – स्टार्टअप्स एवं तकनीक का प्रवेश एग्री-बिजनेस में।
प्रेसिडेंट आईसीएसआई, सीएस धनंजय शुक्ला ने प्राचीन काल में शासन और नीतिनिर्धारण में सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा, “आज के कंपनी सेक्रेटरी कॉर्पोरेट गवर्नेंस के क्षेत्र में वही भूमिका निभा रहे हैं, जिसका उल्लेख वेदों और पुराणों में मिलता है। सतत विकास के उत्प्रेरक के रूप में कंपनी सेक्रेटरी कृषि व्यवसाय की आकांक्षाओं को वास्तविक वृद्धि में परिवर्तित कर सकते हैं।”
सीएस धनंजय शुक्ला ने आईसीएसआई की शुल्क माफी योजना की जानकारी भी दी, जिसके अंतर्गत भारतीय सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, अग्निवीरों, शहीद परिवारों, तथा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और उत्तर-पूर्वी राज्यों से पंजीकृत होने वाले विद्यार्थियों को विशेष लाभ प्रदान किया जाता है।