“बिहार के खेल संघों ने मुख्यमंत्री से की 9 सूत्री मांग, प्राधिकरण पर वित्तीय अनियमितता का आरोप
21 सितम्बर 2025, पटना। राज्य के विभिन्न खेल संघों ने आज आम्रपाली हॉल, सोन भवन, पटना में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इस प्रेस वार्ता का मुख्य उद्देश्य सरकार और खेल विभाग का ध्यान उन ज्वलंत मुद्दों की ओर आकर्षित करना था, जो सीधे तौर पर खिलाड़ियों और खेल के भविष्य को प्रभावित कर रहे हैं।
संघों ने आरोप लगाया कि “उत्कृष्ट खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली 2025” में किए गए संशोधन के तहत जूनियर आयु वर्ग के विजेता खिलाड़ियों की नियुक्ति पर रोक लगाना एक साजिश है, जिसका मकसद राज्य में खेल के विकास को बाधित करना है। संघों ने मांग की कि इस नियमावली में तुरंत सुधार किया जाए और जिम्मेदार पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
खेल संघों ने बताया कि हाल ही में सफलतापूर्वक आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन अब तक उन्हें सम्मान और पुरस्कार राशि नहीं दी गई। दूसरी ओर, हीरो एशिया कप जैसे आयोजनों में, जिनमें बिहार का कोई खिलाड़ी शामिल तक नहीं था, करोड़ों की राशि खर्च कर दी गई।
संघों ने बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह संस्था अब अपने वास्तविक उद्देश्य से भटक गई है। “आयोजन कराओ, पैसा कमाओ” ही इसका मकसद रह गया है। बिना अनुमति प्राइवेट संस्थाओं को करोड़ों रुपये आवंटित करना, एक ही परिवार की कंपनियों को ब्रांडिंग के नाम पर भुगतान करना और वित्तीय नियमों का उल्लंघन कर बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाना – ये सभी घोर अनियमितताओं का प्रमाण हैं।
खेल संघों ने कहा कि बिहार में खिलाड़ियों की मेहनत और उपलब्धियां हमेशा संघों की प्रतिबद्धता का परिणाम रही हैं, लेकिन विभाग की निष्क्रियता और अनियमितताओं के कारण खेल का भविष्य संकट में है।
खेल संघों की प्रमुख मांगे
1. उत्कृष्ट खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली 2025 में तत्काल सुधार।
2. खिलाड़ियों की छात्रवृत्ति राशि का भुगतान डीबीटी से।
3. वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के अनुदान की तत्काल उपलब्धता।
4. प्राथमिकता सूची में शामिल खेलों के लिए ACTC अनुरूप अनुदान।
5. खेल संघों को मैदान एवं प्रशिक्षक की उपलब्धता।
6. पाटलिपुत्र खेल परिसर में संघों को कार्यालय की उपलब्धता।
7. जिला खेल पदाधिकारी नियुक्ति नियमावली में संशोधन।
8. राज्य विद्यालय खेल एवं मसाल खेल की जवाबदेही शिक्षा विभाग को सौंपना।
9. मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत संचालित एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र का अविलंब संचालन।
संघों ने स्पष्ट किया कि अगर इन मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो राज्य के खेल और खिलाड़ियों का भविष्य गंभीर संकट में पड़ जाएगा।
पटना से जैकी शर्मा की रिपोर्ट