रिश्तों का एटीएम: जब प्यार केवल ट्रांज़ैक्शन बन जाए
रिश्ते अब महज़ ज़रूरतों के एटीएम बनते जा रहे हैं। डिजिटल दुनिया ने संवाद को ‘रीचार्ज पैकेज’ और मुलाक़ातों को
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Read Moreक्या हो गया है इन औरतों को? अब ये आईना क्यों नहीं झुकातीं? क्यों चलती हैं तेज़ हवा सी, क्यों
Read Moreरिश्ते, भ्रम और हत्या इंदौर के राजा की मेघालय में हनीमून के दौरान हत्या, उसकी नवविवाहिता पत्नी द्वारा प्रेमी संग
Read Moreमिलावट अब केवल खाने-पीने तक सीमित नहीं रही, यह हमारे सोच, संबंध, और व्यवस्था तक में घुल चुकी है। मूँगफली
Read More✍️ डॉ. सत्यवान सौरभ हर घर की दीवारें अपने भीतर बहुत कुछ समेटे होती हैं—खुशियाँ, तकरार, उम्मीदें और त्याग। लेकिन
Read Moreदानापुर – एन सी घोष इंस्टिट्यूट दानापुर—जो प्राचीन काल में दीनापुर के नाम से जाना जाता था—बिहार की राजधानी पटना
Read Moreसाहित्य आज साधना नहीं, सौदेबाज़ी का बाज़ार बनता जा रहा है। नकली संस्थाएं ₹1000-₹2500 लेकर ‘राष्ट्रीय’ और ‘अंतरराष्ट्रीय’ पुरस्कार बांट
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Read Moreबेचारा… पौधा एक, फोटो में पच्चीस लोग। किसी ने पकड़ा गमला, तो किसी ने थामी टहनी, किसी ने मुस्कान ओढ़ी,
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