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अपनी नई फिल्म में पटना की बेटी आयशा निभा रहीं बिहारी लड़की का किरदार

मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में छोटे शहरों के कलाकारों के लिए अपने लिए जगह बनाना किसी संघर्ष से कम नहीं होता, लेकिन बिहार की बेटी आयशा ऐमन ने यह कर दिखाया है। पटना से ताल्लुक रखने वाली आयशा इन दिनों अपनी एक नई फिल्म के सिलसिले में बिहार आई हुईं हैं, जिसकी शूटिंग पटना और आसपास के लोकेशनों पर हो रही है। इस फिल्म में वे एक प्योर बिहारी लड़की की भूमिका में नजर आएंगी और उनके अपोजिट होंगे मशहूर कोरियोग्राफर टेरेंस लुईस, जो इस फिल्म के ज़रिए अभिनय की दुनिया में डेब्यू कर रहे हैं।

आयशा ऐमन का अभिनय केवल एक पेशा नहीं बल्कि एक जुनून है। उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने सपनों को उड़ान दी, जिसमें उनके पिता की ख्वाहिशों का गहरा योगदान रहा। वे कहती हैं, “अगर आपके माता-पिता आप पर विश्वास करें, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता।” यही विश्वास और समर्पण उन्हें 2015 में मिस इंडिया इंटरनेशनल का खिताब दिलाया और उन्होंने मिस इंटरनेशनल (जापान) प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

आयशा ने जिस हिंदी मीडियम से पढ़ाई शुरू की थी, वहां से निकल कर इंटरनेशनल मंच पर पहुंचना एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने न केवल सौंदर्य प्रतियोगिताओं में नाम कमाया, बल्कि वे जापान टूरिज्म की ब्रांड एंबेसडर भी रहीं। उनके संघर्ष और सफलता की यह कहानी हर उस लड़की को प्रेरणा देती है जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर निकलती है।

मॉडलिंग से अभिनय तक के सफर में आयशा ने खुद को हर मोर्चे पर साबित किया। उन्होंने शाहरुख़ ख़ान और महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गजों के साथ विज्ञापन फिल्मों में काम किया और जल्द ही वे “इंस्पेक्टर अविनाश सीजन 2”, “AK-47”, और “पाखी” जैसी वेब सीरीज और फिल्मों में नजर आएंगी। आपको बता दें कि आयशा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत मधुर भंडारकर की फिल्म इंडिया लॉक डाउन से की थी, उसके बाद कई फिल्में और वेब शो कर चुकी हैं।

आयशा का मानना है कि बिहार की भूमि चाणक्य, आर्यभट्ट और माता सीता की जन्मभूमि रही है और वे इस माटी से गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं। वे कहती हैं, “मैं मुंबई में रहती हूं, लेकिन मेरी आत्मा बिहार में बसती है।” वे चाहती हैं कि बिहार की बेटियाँ आगे बढ़ें, खुल कर अपने सपनों को जीएं और समाज उनके आत्मविश्वास को पंख देने का काम करे।

बिहार सरकार की नई फिल्म नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने इसे कलाकारों के लिए शुभ संकेत बताया। उन्होंने कहा कि यदि फिल्मों को सब्सिडी मिलेगी और शूटिंग को बढ़ावा मिलेगा, तो बिहार में सिनेमा संस्कृति को मजबूती मिलेगी। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने भोजपुरी को “हमारी अपनी और प्यारी भाषा” बताया और भरोसा दिलाया कि अच्छी स्क्रिप्ट मिली तो वे भोजपुरी फिल्मों में भी ज़रूर काम करेंगी।

आयशा ऐमन आज की उस युवा पीढ़ी की प्रतीक हैं, जो अपनी जड़ों से जुड़े रहकर भी आकाश की ऊँचाइयों को छूने का हौसला रखती हैं। उनका सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह बताता है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी मंच दूर नहीं होता।

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