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बिजली सुधार में स्मार्ट मीटर का बड़ा योगदान

पटना। कहते हैं किसी भी राज्य के विकास में विकास की गाड़ी को दौड़ाने के लिए सड़क और कानून-व्यवस्था जितनी महत्वपूर्ण है। बिजली के क्षेत्र में सुधार भी उतना ही मायने रखता है। बिहार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही वजह के किए इस साल के बिहार बिजनेस कनेक्ट में एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इंवेस्टमेंट पर 350 कंपनियों के साथ समझौते हुए हैं, जो कि पिछले साल के तीन गुणा ज्यादा है। इससे एक लाख से ज्यादा युवाओं को सीधे तौर पर रोजगार मिलेंगे। उद्दयोग जगत के जानकारों की मानें तो किसी भी राज्य के विकास में पर्याप्त बिजली व्यवस्था का बड़ा योगदान होता है। बिहार में पिछले कुछ सालों में बिजली के क्षेत्र में क्रांति आई है, जो हमें वहां उद्दोग स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रही है। क्योंकि, उपभोक्ताओँ के नजरिए से बिहार हमेशा से बड़ा बाजार रहा है।

बिजली के क्षेत्र में आई है क्रांति

बात हम बिजली के क्षेत्र में सुधार की करें तो पिछले करीब 20 वर्षों में इस सेक्टर में क्रांति आई है। यही वजह है कि वर्ष 2005 में बिजली के जहां महज 17 लाख उपभोक्ता थे, वहीं 2025 में इनकी संख्या 2.12 करोड़ पर पहुंच गई है। बात ऊर्जा खपत की करें तो 2005 में जहां प्रति व्यक्ति महज 70 यूनिट बिजली की खपत होती थी, वहीं 2025 में 363 यूनिट प्रति व्यक्ति बिजली की खपत हो रही है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा बदवाल लाते हुए वर्ष 2005 में 700 मेगावाट से बढ़ाकर 8850 मेगावाट तक पहुंचा दिया।
पावर ग्रिड और सब-स्टेशन भी बनाए गए
बिहार बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि आर्थिक संकट से जूझ रहे बिजली विभाग में यह सब करना आसान नहीं था। आज से 20 साल पहले तक मात्र 368 पावर सब-स्टेशन थे, जो कि अब बढ़कर 1263 तक पहंच गए हैं। वहीं ग्रिड की संख्या 45 से बढ़कर 170 तक पहंच गई है।

बिजली सुधार में स्मार्ट मीटर का बड़ा योगदान

बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कुछ दिनों पहले एक कार्यक्रम में कहा था कि बिजली व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार के लिए विभाग को आर्थिक रुप से अपने पैरों पर खड़ा होना होगा और यह स्मार्ट मीटर से संभव है। स्मार्ट मीटर की बदौलत ही आज गांव से लेकर शहर और किसान तक को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा था कि बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार के लिए आरडीएसएस (पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना) के तहत 7305 करोड़ खर्च किए जाएंगे। केवल राजधानी पटना में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए 296 करोड़ खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। अब तक 5.81 लाख किसानों को कनेक्शन दिया जा चुका है। सितंबर 2026 तक 8.40 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। आमलोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 15 हजार 343 करोड़ अनुदान देकर सस्ती बिजली दे रही है।

बिहार में लगे हैं 67 लाख स्मार्ट मीटर

बिभागीय अधिकारियों के मुताबिक बिहार के शहरी और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर करीब 67 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जो पूरे देश में लगे स्मार्ट मीटर का 25 प्रतिशत हिस्सा है। इससे विभाग को समय पर पैसे आने लगे हैं और बिजली की चोरी पर भी नियंत्रण हुआ है। यही वजह के स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली सामान्य मीटर उपभोक्ताओं की तुलना में 25 पैसे प्रति यूनिट सस्ती की गई है। साथ ही उपभोक्ताओं को हर रिचार्ज पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त बैलेंस और 2000 हजार रूपये से अधिक बैलेंस हर महीना बनाए रखने पर 6 प्रतिशत से ज्यादा की दर से ब्याज भी दिए जा रहे हैं।

बिजली सेवा और होगी बेहतर

विभाग के आला अधिकारी बताते हैं कि स्मार्ट मीटर जिस तरह से उपभोक्ताओँ के लिए लाभकारी बन रहा है, वह दिन दूर नहीं जब बिहार का बिजली विभाग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाएगा और हम 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने में सक्षम होंगे। बिजली आपूर्ति में सुधार को लेकर 856 करोड़ रुपये की नयी योजनाएं तैयार की है। इनमें करीब 558 करोड़ साउथ बिहार, जबकि 298 करोड़ नॉर्थ बिहार की योजनाओं पर खर्च होंगे। इस राशि से नये सब स्टेशन निर्माण, अतिरिक्त पावर ट्रांसफॉर्मर की स्थापना, उसकी क्षमता विस्तार, नये लाइन का निर्माण व उसकी रिकंडस्ट्रिंग सहित कई काम कराये जायेंगे। ऊर्जा विभाग ने साउथ बिहार में सात सब स्टेशनों के निर्माण को 120.04 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है। इनमें से दो सबस्टेशन जीआइएस (गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन) आधारित, जबकि पांच सबस्टेशन पारंपरिक होंगे। पटना, नालंदा, नवादा और गया जिले में इनकी स्थापना होगी। इसके साथ ही 57 विद्युत सबस्टेशनों में पांच एमवीए के पुराने पावर ट्रांसफॉर्मरों को 10 एमवीए के नये पावर ट्रांसफॉर्मरों में बदला जायेगा। वहीं, 23 पावर सबस्टेशनों में अतिरिक्त 10 एमवीए पावर ट्रांसफॉर्मर की स्थापना की जायेगी। इस योजना पर 108.27 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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