जेपी की जयंती पर “संपूर्ण परिवर्तन” थीम के साथ एचआरयूएफ मेम्बरशिप ड्राइव 6 शुरू
लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मृति संरक्षण संवर्धन समिति का पुनर्गठन शीघ्र
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर वैश्विक स्तर की संस्था “ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ” के चेयरमैन एवं मशहूर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल

रंजन दफ्तुआर ने कहा कि “संपूर्ण क्रांति” का जेन जी ( Gen Z) वर्जन है “संपूर्ण परिवर्तन” का दर्शन। उन्होंने कहा कि संपूर्ण परिवर्तन के इस दर्शन के द्वारा आज के किशोरों और यूथ को सामाजिक परिवर्तन हेतु कनेक्ट किया जा सकता है।
लोगों का जन्म लेना और फिर मर जाना यह जीवन का ध्येय कतई नहीं होना चाहिये बल्कि समाज में सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, शैक्षणिक ,नैतिक जैसे हर तरह का परिवर्तन हो ताकि एक स्वस्थ, सुंदर और जनोपयोगी समाज बन सके,इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की कद्र नहीं होती है बल्कि उसकी विचारधारा की कद्र होती है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने अपनी विचारधारा के द्वारा समाज को उद्वेलित और जाग्रत किया है।
कोई भी सोच या दर्शन एक विचारधारा होती है जिसे ग्रासरूट पर उतारने में वक्त लगता है। जब कोई विचारधारा घनीभूत होकर जनकल्याण का माध्यम बनती है तो वो एक दर्शन का रूप ले लेती है। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण उनके आदर्श हैं और अपने जीवन में भी वे उनकी सोच को जीते हैं।
तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की प्रेरणा से स्थापित ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ आज वैश्विक स्तर पर एक जन समर्पित पावरफुल औरगेनाईजेशन बन चुका है। जो “मानवाधिकार मानव कर्तव्यों के साथ” के उपयोगी और जनसरोकार की सोच के साथ कार्य कर रहा है।
विशाल दफ्तुआर ने कहा कि जो भी पीड़ित, जरूरतमंद, वंचित, गरीब और शोषित होते हैं उनके स्तर से उनकी मदद नि:शुल्क और निस्वार्थ होती है। पिछले वर्ष इथोपिया से बिहार, उत्तर प्रदेशु और हिमाचल प्रदेश के 21 लोगों की उन्होंने नि:शुल्क और निस्वार्थ वतन वापसी करवाई थी जबकि उनको इथोपिया में ले जाकर फंसाने वाला बिचौलिए ने 21 लाख (1 लाख प्रत्येक से) ले लिये थे।इसके पहले भी जरूरतमंदों की नि:शुल्क ही मदद होती रही है और आजीवन करता भी रहूँगा।क्योंकि मैं जेपी के आदर्शों पर चलता हूँ। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दो बार वे लोगों की मदद के लिये भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बार्डर पर गये थे। जनपथ का रास्ता इतना सहज नहीं है। इसमें खुद का पैसा, समर्पण और मूल्यवान समय लगता है।कई बार अपने परिवार की खुशियों से भी समझौता करना पड़ता है।
यहाँ तो छोटा सा प्रोफेशनल लोग भी अपने समय देने का लाखों चार्ज करते है।
जब किसी व्यक्ति और उसके परिवार वालों के चेहरे पर मुस्कुराहट आती है तो यह बड़ी मूल्यवान पूंजी बन जाती है।
जेपी के सिद्धांतों को अपनाकर ही आज विशाल दफ्तुआर की सोच को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी मिल रही है।
उन्होंने कहा कि जेपी की जयंती पर “संपूर्ण परिवर्तन” थीम के साथ एचआरयूएफ मेम्बरशिप ड्राइव 6 को शुरू किया गया है। एचआरयूएफ से जुड़ने वाले लोग उनके “संपूर्ण परिवर्तन” की सोच को भी अपनायेंगे। किशोरों और यूथ के साथ कनेक्टिविटी को मजबूत करने में संपूर्ण परिवर्तन (Total Change) का दर्शन बेहद कारगर होगा।
एचआरयूएफ चेयरमैन ने कहा कि ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मृति संरक्षण संवर्धन समिति’ का पुनर्गठन शीघ्र किया जायेगा। जेपी की विचारधारा को सिर्फ राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जायेगा।