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इमरान खान का तंज- “अगर जीतना है तो असिम मुनीर और मोहसिन नक़वी ही ओपनिंग करें”

लाहौर/दुबई, 22 सितंबर — पाकिस्तान की एशिया कप में भारत के खिलाफ लगातार हार के बाद देश के पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व कप्तान इमरान ख़ान ने सख़्त व्यंग्य किया और कहा कि पाकिस्तान तब तक भारत को हरा नहीं सकता जब तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नक़वी और आर्मी चीफ़ जनरल असिम मुनीर खुद ओपनिंग में नहीं उतरते। इमरान की यह टिप्पणी बुधवार को उनके शब्दों को उद्धृत करते हुए प्रकाशित हुई।

अगर पाकिस्तान भारत को क्रिकेट में हारना बंद करना चाहता है, तो मोहीसिन नक़वी और आर्मी चीफ़ असिम मुनीर को ओपनिंग में उतरना चाहिए।”

इमरान खान ने अपने बयान में न सिर्फ़ क्रिकेट टीम की नाकामी पर तंज कसा, बल्कि देश में खेल और सरकारी नेतृत्व के बीच पनपी राजनीति पर भी कटाक्ष किया। उनके मुताबिक़ देश की खेल व्यवस्थाओं और प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण टीम का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है — यह तंज उन्होंने जेल से अपने करीबी स्रोतों/परिवार के माध्यम से दिया।

पिछले कुछ मैचों में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की छवि दांव पर रही। दुबई में खेले गए नवीनतम मुकाबले में पाकिस्तान 171/5 के स्कोर तक पहुंचा, मगर लक्ष्य का पीछा करने में टीम को चुनौती का सामना करना पड़ा और भारत ने आराम से जीत दर्ज की। इस हार के तुरंत बाद इमरान के तीखे बयान ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी।

इमरान की टिप्पणियों ने एक बड़े राजनीतिक संदर्भ को भी उभारा — वे साल 2023 से जेल में हैं और अक्सर सशस्त्र बलों और सत्ताधारी व्यवस्थाओं पर तीखी टिप्पणियाँ करते रहे हैं। उन्होंने पहले भी असिम मुनीर पर आरोप लगाए हैं कि सेना और अन्य संस्थानों के कारण उनकी पार्टी PTI का राजनीतिक जनादेश प्रभावित हुआ। इस पृष्ठभूमि ने उनके क्रिकेट-संबंधित व्यंग्य को और भी राजनीतिक रूप दे दिया है।

PCB और मोहसिन नक़वी पर पहले से ही आलोचनाएँ जारी हैं — कुछ विश्लेषक और पूर्व खिलाड़ियों ने भी टीम के प्रबंधन और चयन नीतियों पर सवाल उठाए हैं। ऐसे माहौल में इमरान का तंज जंगल में घूँघट की तरह फूटा: हल्का-फुल्का दिखने वाला व्यंग्य कई लोगों ने गंभीर संस्थागत आलोचना के रूप में लिया।

जहाँ एक ओर यही राजनीतिक और खेल-मुद्दे सार्वजनिक बहस का हिस्सा बने हुए हैं, दूसरी ओर आम क्रिकेट-प्रशंसक और विश्लेषक टीम पर कड़ा विश्लेषण कर रहे हैं — गेंदबाज़ी, बल्लेबाज़ी क्रम, और रणनीति को लेकर स्क्रीन पर और सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणियाँ दिखी। कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने भी कमजोर बल्लेबाज़ी और मैदान पर अनुशासनहीनता की बात उठाई।

अभी तक आर्मी चीफ़ जनरल असिम मुनीर या PCB की ओर से इस खास व्यंग्य पर आधिकारिक प्रतिक्रिया सार्वजनिक नहीं हुई है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि टीम के प्रदर्शन और प्रशासनिक हस्तक्षेपों पर और भी टिप्पणी आने की उम्मीद है — खासकर जब यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान जैसे संवेदनशील प्रतिद्वन्द्वियों के बीच खेला गया हो।

विश्लेषकों का कहना है कि क्रिकेट मात्र खेल नहीं रहा — यहाँ राष्ट्रीय भावना, राजनीति और संस्थागत संघर्ष सब इकठ्ठे दिखते हैं। इमरान के व्यंग्य ने यह याद दिला दिया है कि खेल पर होने वाली टिप्पणियाँ अक्सर राजनीति में रची गई व्यापक नाराज़गी और अभिव्यक्ति का भी मुँह बोलता रूप होती हैं।