अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में मंत्री संतोष कुमार सिंह ने वैश्विक मंच पर दी श्रमिक हितों की योजनाओं की जानकारी
श्रम संसाधन मंत्री के साथ सचिव दीपक आनन्द भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हुए शामिल
जिनेवा/पटना । स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में 2 जून से 13 जून 2025 तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के 113वें सम्मेलन में बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह और विभागीय सचिव दीपक आनन्द ने भाग लेते हुए वैश्विक मंच पर बिहार में श्रमिकों के लिए चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं को साझा किया।
मंत्री श्री संतोष कुमार सिंह को भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा “अतिथि मंत्री” के रूप में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है। उन्होंने सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि बिहार के कामगार देशभर में विकास कार्यों में महती भूमिका निभा रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार उनके हित में अनेक जनोपयोगी योजनाओं का संचालन कर रही है।
मंत्री ने बताया कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से विवाह, शिक्षा, मातृत्व-पितृत्व, साइकिल क्रय, मृत्यु एवं पेंशन सहित 16 कल्याण योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के माध्यम से देश-विदेश में काम कर रहे श्रमिकों और उनके आश्रितों को दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में अनुदान एवं सहायता दी जा रही है। सम्मेलन में मंत्री के द्वारा यह भी बताया गया कि बिहार कौशल विकास मिशन के तहत कुशल युवा कार्यक्रम, फायनेंशियल एकाउंटिंग, आरटीडी, डोमेन स्किलिंग, आरपीएल जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप कौशल प्रदान कर रहे हैं।
विभागीय सचिव दीपक आनन्द ने प्रवासी मजदूर-कामगार ऐप की जानकारी देते हुए बताया कि यह ऐप प्रवासी श्रमिकों के लिए एक डिजिटल कनेक्टिविटी और लाभ पहुंचाने का प्रभावी माध्यम है। सरकार इस माध्यम से न सिर्फ श्रमिकों को योजनाओं से जोड़ रही है, बल्कि पंचायत स्तर पर उनका डेटाबेस तैयार कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बिहार के सभी सरकारी आईटीआई को टाटा टेक्नोलॉजीज के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) में बदला गया है, जहां रोबोटिक्स, IoT, EV, 3D प्रिंटिंग और AR-VR जैसी आधुनिक तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि ILO के इस वैश्विक मंच पर भारत एक चार-सदस्यीय प्रमुख सदस्य देश के रूप में भाग ले रहा है और बिहार की भागीदारी इस बार नीति, नवाचार और श्रमिक कल्याण की दिशा में राज्य की सशक्त उपस्थिति को दर्शा रही है।