27 फीसदी आरक्षण की गूंज के साथ पन्ना व सतना में संपन्न हुआ अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव आर. बी. सिंह पटेल का एक दिवसीय दौरा
27 फीसदी आरक्षण लागू करने की मांग तेज
अजयगढ़/सतना, नवंबर 2025 : अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्य प्रदेश प्रभारी आर. बी. सिंह पटेल ने बुधवार को पन्ना और सतना जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें लेकर संगठन मजबूती के साथ-साथ 27 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की।
पहला कार्यक्रम दोपहर 12 बजे अजयगढ़ के माधवगंज बैरियर के सामने लालबाबू पटेल के आवास पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संयोजन क्षेत्रीय अध्यक्ष चित्रकूट बेटालाल पटेल और अजयगढ़ के रमेश पटेल द्वारा किया गया। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी आर. बी. सिंह पटेल के साथ जिला अध्यक्ष बांदा कृष्णेन्द्र पटेल, जिला उपाध्यक्ष रामफेर पटेल, रमेश पटेल समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारी व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इसके बाद प्रदेश प्रभारी सतना जिले पहुंचे, जहां सावित्री शिक्षा सदन, नई बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवा मंच मान सिंह बिसेन, डी. पी. पटेल, राम सिया पटेल, सीताशरण सिंह, मनोज पटेल सहित अनेक कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठकों में ओबीसी, एससी, एसटी वर्गों के अधिकारों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को मज़बूत करने पर विस्तार से चर्चा हुई।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश प्रभारी आर. बी. सिंह पटेल ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल लगातार 27 फीसदी आरक्षण की आवाज़ बुलंद कर रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया है।
आर बी सिंह पटेल ने कहा, “हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री माननीय अनुप्रिया पटेल जी लगातार पिछड़ा वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण की मांग को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठा रही हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी भी मंचों से 27 फीसदी आरक्षण की बात तो करते हैं, लेकिन जब इसे प्रदेश में लागू करने की बारी आती है, तो सरकार पीछे हट जाती है। प्रदेश में पिछड़ों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। अपना दल (एस) स्पष्ट कहना चाहता है कि जब तक मध्य प्रदेश में ओबीसी को उनका संवैधानिक हक, पूरा 27 फीसदी आरक्षण नहीं मिलता, तब तक हमारी मांग जारी रहेगी।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने, पिछड़ा वर्ग के अधिकार, शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी के मुद्दों को गांव-गांव और वार्ड-वार्ड तक ले जाने का आह्वान किया।
