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बिहार से बाहर पढ़े, इसलिए वंचित ? शिक्षक बहाली में हजारों युवाओं के सपनों पर पानी

5 अगस्त 2025, पटना। बिहार सरकार द्वारा TRE 4 शिक्षक भर्ती के लिए पारित डोमिसाइल नीति को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। मूल निवासी होने के बावजूद बाहर से पढ़ाई करने वाले युवाओं को इस नई नीति के तहत राज्य स्तरीय आरक्षण और अवसरों से वंचित किया जा रहा है, जिससे हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है। उक्त बातें लोकतांत्रिक जनता दल, बिहार के संयोजक महादेव राउत “मंडल जी” ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।

श्री राउत ने कहा कि राज्य सरकार के हालिया कैबिनेट निर्णय में स्पष्ट किया गया है कि जो छात्र बिहार से बाहर से मैट्रिक या इंटरमीडिएट पास किए हैं, उन्हें डोमिसाइल आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा, भले ही वे बिहार के मूल निवासी क्यों न हों। इस नीति को संविधान के अनुच्छेद 16 (समान अवसर) के विरुद्ध और सामाजिक न्याय की भावना के प्रतिकूल बताया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि छात्र संगठनों, शिक्षा विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह फैसला विशेष रूप से उन युवाओं के साथ अन्याय है जो गरीबी, पारिवारिक जिम्मेदारी या अन्य कारणों से बिहार से बाहर पढ़ने को मजबूर हुए। इस फैसले से न केवल दलित, वंचित और अत्यंत पिछड़े वर्ग के छात्र प्रभावित होंगे, बल्कि यह राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए एक झटका साबित हो सकता है।

प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से श्री राउत ने सरकार से निम्नलिखित प्रमुख मांगें की हैं:

1. बिहार का मूल निवासी प्रमाणपत्र रखने वाले हर व्यक्ति को TRE 4 में समान अधिकार और आरक्षण लाभ मिले, चाहे उसकी शिक्षा बिहार में हुई हो या बाहर।

2. झारखंड गठन (15 नवम्बर 2000) से पूर्व बिहार के हिस्से रहे क्षेत्रों (जैसे देवघर, धनबाद) की डिग्रियों को मान्यता दी जाए।

3. TRE 4 अधिसूचना में संशोधन कर सभी मूल निवासी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव समाप्त किया जाए।

उन्होंने युवाओं की तरफ से ऐलान किया है कि इस अन्यायपूर्ण नीति के खिलाफ वे शांतिपूर्ण जनांदोलन, सोशल मीडिया अभियान और कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। साथ ही, उन्होंने जन प्रतिनिधियों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों से अपील की है कि वे इस संवेदनशील मुद्दे को गंभीरता से उठाएं।

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