विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर एक दिवसीय वार्षिक फिजियोथेरेपी सम्मेलन का आयोजन
पटना : इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स, बिहार शाखा द्वारा विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय सीआरसी भवन में एक दिवसीय वार्षिक फिजियोथेरेपी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में राज्य भर से आए विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट्स, चिकित्सा विशेषज्ञ एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, विशिस्ट अतिथि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, आइजीआइएमएस के निदेशक सह कुलपति डॉ. बिन्दे कुमार, एनआईएलडी, कोलकाता के निदेशक डॉ. ललित नारायण, सीआरसी की निदेशक प्रियदर्शनी गुप्ता, आईएपी बिहार के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा, उपाध्यक्ष डॉ. बिनय कुमार पांडेय, सचिव डॉ. उमाशंकर सिन्हा, कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. अखिलेश झा, डॉ. अविनाश भारती एवं मीडिया प्रभारी डॉ. मृत्युंजय कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संबोधन में कहा कि फिजियोथेरेपी आज स्वास्थ्य सेवाओं का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। स्वस्थ्य शरीर के बिना ब्रम्ह्य ज्ञान संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर सुधार होना चाहिए। हमें नए – नए प्रयोग ढूंढने चाहिए शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए। हमें अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। वहीं अपने संबोधन में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने कहा कि फिजियोथेरेपी न केवल रोगियों को स्वस्थ जीवन प्रदान करती है बल्कि समाज में विकलांगता की रोकथाम और पुनर्वास की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। ऐसे सम्मेलन ज्ञान-विनिमय का माध्यम बनकर आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करते हैं। जबकि अन्य वक्ताओं ने भी अपने संबोधन में फिजियोथेरेपी की महत्ता को बताया। कार्यक्रम में बिहार की पहली महिला फिजियोथेरेपिस्ट्स डॉ. शांति सिन्हा को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विशेषज्ञों ने आधुनिक फिजियोथेरेपी तकनीक, रोग निवारण और मरीजों के पुनर्वास पर अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स, बिहार के मीडिया प्रभारी डॉ. मृत्युंजय कुमार ने कहा कि विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर आयोजित यह सम्मेलन न केवल चिकित्सकों के लिए उपयोगी है, बल्कि समाज में फिजियोथेरेपी की महत्ता को भी व्यापक स्तर पर उजागर करता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का थीम विषय था वृद्धावस्था में स्वास्थ्य देखभाल फिजियोथेरेपी के माध्यम से। वहीं मीडिया सह प्रभारी डॉ. स्नेहा सुमन ने बताया कि वृद्धावस्था में इंसान किस तरह स्वतंत्र रूप से अपनी दिनचर्या को निभा सकता है और स्वास्थ्य को ठीक रख सकता है इसमें फिजियोथेरेपिस्टों की भुमिका अहम होती है। कार्यक्रम में डॉ. राजेश कुमार सुमन, डॉ. हिमेन्दु सिंह, डॉ. निरंजन कुमार, डॉ. प्रियदर्शी कुमार, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. विधाभुषण, अनिरुद्ध कुमार, डॉ. रोशनी पाण्डेय, डॉ. दसप्रीत कौर, डॉ. रीना श्रीवास्तव, डॉ. कुमार गौरव, डॉ. अमरेश महर्षि, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. अमर कुमार, डॉ. रवि, डॉ. खुशबु, डॉ. राहुल कुमार, डॉ. अमरनाथ साह सहित बड़ी संख्या में फिजियोथेरेपिस्ट्स, चिकित्सा विशेषज्ञ, छात्र और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।