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बिहार के पूर्व राज्यपाल डॉ. गोविंद नारायण सिंह की 20 वीं पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी एवं काव्यांजलि

पटना : भारत में पहली बार जनसंघ समर्थित संविदा सरकार बनाने वाले बिहार के पूर्व राज्यपाल एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री डॉ. गोविंद नारायण सिंह जी की 20 वीं पुण्य स्मृति सभा का आयोजन विधान परिषद सभागार पटना में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने किया। उन्होंने गोविंद नारायण सिंह को भारत का एक महान राजनेता बताया। प्रमुख वक्ता के रूप में बोलते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण सिंह यादव ने कहा कि डॉ. गोविंद नारायण सिंह के विचारों को जन – जन तक पहुंचाने की जरूरत है।

उन्होंने महान जेपी सेनानी कवि साहित्यकार विचारक पवन श्रीवास्तव जी को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। डॉ. गोविंद नारायण सिंह न्यास के अध्यक्ष और भाजपा दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता नीरज तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया ओर न्यास की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि न्यास अंतिम आदमी तक शिक्षा का प्रकाश फैलाना चाहता है। पूर्व विधान परिषद सदस्य राधा मोहन शर्मा ने कहा कि गोविंद नारायण सिंह बिहार के पहले राज्यपाल थे जो जनता दरबार लगाते थे।सुप्रसिद्ध चिकित्सक और भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. मृणाल झा ने गरीबों के लिए चिकित्सा सेवा चलाने के लिए न्यास को प्रेरित किया। कवि एवं न्यास के सचिव के डी पाठक ने राष्ट्र भक्ति की कविताएं पढ़ी। सुप्रसिद्ध हास्य कवि शंभू शिखर ने हम धरती पुत्र बिहारी हैं गीत गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

डॉ. गोविंद नारायण सिंह न्यास द्वारा पटना के विधान परिषद सभागार में भारत में पहली बार जनसंघ समर्थित संविदा सरकार बनाने वाले बिहार के पूर्व राज्यपाल एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री डॉ. गोविंद नारायण सिंह जी की 20 वीं पुण्य स्मृति सभा आयोजित की गई है। इस सभा में पहलगाम के बलिदानियों और भारतीय सेना के जवानों को नमन वंदन भी किया गया। सुप्रसिद्ध कवि साहित्यकार विचारक  पवन श्रीवास्तव जी के जीवन दर्शन पर चर्चा की गई। राष्ट्रीय कवि शंभू शिखर जी का काव्यांजलि दिया गया। कार्यक्रम में सतीश तिवारी, दीपक तिवारी, अरविंद मिश्रा, गदाधर विद्रोही, गुंजन सिंह, अशोक मानव, सहित अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन न्यास के बिहार प्रमुख लव कुश कुमार किया। कार्यक्रम का संचालन विकाश ओझा ने किया।