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ये 4 टिप्स आपके बच्चों को रखेंगे मोटापे से हमेशा दूर, बस जान लें इन्हें करने का तरीका

बच्चों में मोटापा उनके लिए कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाता है। पीडियाट्रिशियन एंड चीफ मेडिकल ऑफिसर ऑफ एल.ए हेल्द केयर डॉ. रिचार्ड सीडमन के मुताबिक बच्चों में मोटापे से उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रोल जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जबकि इस तरह की बीमारियां बढ़ती उम्र में ही दिखाई देती है। इस तरह के बच्चों सांस लेने और जॉइंट्स की समस्याएं का खतरा भी बढ़ने लगता है।

जैकॉब्स स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड बॉयोमेडिकल साइंस के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक काई लिंग कांग और उनकी टीम के मुताबिक, वे महिलाएं, जो प्रेग्नेंसी के दौरान सिगरेट पीती हैं, शराब का सेवन करती हैं या ड्रग्स लेती हैं उन महिला को सही न्यूट्रीशन नहीं मिल पाता, जिस कराण बच्चे में मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। जिससे कारण बढ़ती उम्र के साथ बच्चों को बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है।

अध्ययन में देखा गया की 40 प्रतिशत बच्चे सात साल की उम्र में आकर मोटापे का शिकार हुए। जो महिलाएं ज्यादा भावनात्मक होती है उन महिलाओं के बच्चों को भी इस तरह के खतरे का सामना करना पड़ता है। उन बच्चों में ज्यादा तेजी से वजन बढ़ने लगता है।

शोधकर्ताओं ने एक ऐसा तरीके की खोज की है जो की बच्चों के मोटापे के खतरे को कम करने में काम करेगा। इससे बच्चे के परिजनों को भी सिख मिलेगी की वह अपने बच्चे में मोटापे को कैसे रोके।

हेलेन देवौस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के साईकोलॉजिस्ट लुसी स्मिथ के मुताबिक, माता-पिता अपने बच्चों के ड्रिंक्स को अच्छे से देखकर ही दें। ड्रिंक्स में कितनी मात्रा में न्यूट्रीएंट्स है या नहीं इसे भी जांच लें। सबसे ज्यादा जरूरी एप्पल जूस और ऑरेंज जूस है जिसमें काफी ज्यादा मात्रा में शुगर होती है। कोशिश करें की उन्हें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी और दूध पिलाएं।

बच्चों के खान-पान पर दें ध्यान

बच्चों के खाने-पीने की चीजों पर माता-पिता का ध्यान देना काफी जरूरी है। माता-पिता अपने बच्चे के फूड को देखें की क्या वह जो खा रहा है। वह उसके लिए कितना फायदेमंद है भी या नहीं।  या फिर जो वह खा रहा है उससे कहीं उसका वजन तो नहीं बढ़ेगा। परिजनों को अपने बच्चे के लिए स्कूल ले जाने वाले लंच के बारे में भी बच्चे से जानकारी लें कि वह किस तरह का लंच पसंद करता है। बच्चे को उसकी पसंद का ही लंच बनाकर दें जो कि उसके लिए स्वस्थ हो और ज्यादा मात्रा में न्यूट्रीएंट्स देने का काम करें। इसके साथ ही सुबह देने वाला ब्रेकफास्ट भी उसके लिए स्वस्थ और उसकी पसंद का हो।

बच्चे को सब्जियों और फल खिलाने की करें कोशिश

बच्चों को कोशिश करें की उसे हरी सब्जियां और फल खिलाएं। बच्चे को सब्जियों और फल की तरफ आकर्षित करें। जिससे की वह उन्हें खाने के बारे में सोचे। एक बार खिलाने या दो बार खिलाने की कोशिश ना करें। कोशिश करें की बच्चे को हरी सब्जियां और फल की आदत लग जाए।

बच्चे को फास्ट फूड ना खाने दें

सभी बच्चों को फास्ट फूड काफी पसंद होता है। फास्ट फूड के लिए सभी बच्चे अपने परिजनों से मांग करते है। लेकिन परिजनों को अपने बच्चों पर इसकी रोक लगाना भी जरूरी है। फास्ट फूड ना तो सेहत के लिए फायदेमंद होते है ना ही यह न्यूट्रीएंट्स प्रदान करते हैं। फास्ट फूड से बेहतर है की आप घर पर ही बनाया हुआ फूड बच्चे को दें। बच्चे को इस बात का भरोसा दिलाए की इससे बेहतर आप घर पर ही उसके लिए फूड तैयार कर रहे हैं।

खेलने के लिए करें प्रेरित

अपने बच्चों को माता-पिता खेलने और फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए प्रेरित करें। खेल औऱ फिजिकल एक्टिविटी से होने वाले फायदों के बारे में बताए। बच्चों को इनडोर गेम खेलने से रोकें। ताकि वह घर से बाहर जाकर फिजिकल एक्टिविटी करें। इसकेक साथ ही आपके बच्चे कैसे एक्टिव रहे इसके लिए भी आप अपने बच्चों को जानकारी दें। माता-पिता को खुद भी अपने बच्चों के साथ फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा लेकर उसे एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें।

बच्चों को दिन में करीब एक घंटे उसे फिजिकल एक्टिविटी के लिए घर से बाहर जाने के लिए कहें। इन एक्टिविटी से आपके बच्चों का विकास अच्छी तरह से हो पाएगा।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, आप अपने बच्चे के एक साल से पहले उसके साथ फिजिकल एक्टिविटी करवाने की कोशिश करते हैं तो इससे आपके बच्चे के मोटापे का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके साथ ही बच्चे की डाइट काफी अच्छी होनी चाहिए और फिजिकल एक्टिविटी जो आपके बच्चे के वजन को भी मेनटेन करके रखता है।