मानव कर्तव्यों के पालन के बिना मानवाधिकार अधूरा है:विशाल दफ्तुआर
•ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला के छठवें फाउंडेशन डे पर नई कार्ययोजना घोषित
वैश्विक स्तर की भारतीय संस्था “ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ” दुनिया का इकलौता औरगेनाईजेशन है जो पूरी

मुखरता के साथ मानव कर्तव्यों की भी वकालत करता है।एचआरयूएफ का मूलमंत्र ही है “मानवाधिकार मानव कर्तव्यों के साथ”। एचआरयूएफ के छठे फाउंडेशन डे पर अगले एक साल के वर्क प्लान की शुरुआत की गई। एचआरयूएफ चेयरमैन एवं मशहूर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने कहा कि मानव कर्तव्यों के पालन के बिना मानवाधिकार अधूरा है।आतंकवादी, राष्ट्र विरोधी ताकतें और असामाजिक तत्वों के कोई मानवाधिकार नहीं हो सकते हैं। मानवाधिकार को पाने के लिये मानव की तरह व्यवहार भी करना होगा।अगर किसी का व्यवहार राक्षस की तरह होगा तो फिर भारतीय सेना, अर्द्ध सैनिक बलों और विभिन्न राज्यों की पुलिस को उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब देने की खूली छूट होनी चाहिए और एचआरयूएफ उनके बचाव में ढाल की तरह काम करेगा। लेकिन अगर इनके स्तर से किसी इनोसेंट नागरिक पर अत्याचार होता है तो फिर एचआरयूएफ ऐसी संवैधानिक संस्थाओं के विरोध में सामने खड़ी होगी।
जून 2026 तक विश्व के कई देशों में एचआरयूएफ की शुरुआत का लक्ष्य रखा गया है।एक भारतीय संस्था के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत और भारतीयता के पराक्रम को स्थापित करना एचआरयूएफ का सबसे प्रमुख कार्य योजना में से एक है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्युमन राइट्स वाच जैसी सालों पुरानी विदेशी संस्थाओं के भारत विरोधी एजेण्डा से मुकाबला करने के लिये भी ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला को विशेष प्रयास करने पड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि 17 जून, 2019 को तत्कालीन राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद की प्रेरणा से ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ की शुरुआत की गई थी। एचआरयूएफ चेयरमैन के नेतृत्व में अब तक सात ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करके एचआरयूएफ ने वैश्विक पटल पर एक शानदार शुरुआत की है।गुगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसे सर्च इंजनों और एआई प्लेटफार्म पर एचआरयूएफ चेयरमैन और एचआरयूएफ का नाम प्रमुखता से उजागर होता है।
इस साल गेस्ट पेज और पब्लिक ओपिनियन जैसे नये सेगमेंट के द्वारा अतिथियों और आम आदमी के विचारों को बेबसाइट एचआरयूएफ डाट ओराजी ( hruf.org) पर स्थान दिया जायेगा।इसी साल जुलाई-अगस्त में कई सर्टिफिकेट वितरित भी किये जायेंगे।कोई भी पीड़ित अपनी पीड़ा एचआरयूएफ हेल्पलाइन नंबर 9835442759 पर व्हाट्सएप कर सकता है।एक नये अंतर्राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की भी प्लानिंग की जा रही है जो मिडिल ईस्ट से जुड़ी हुई है।
विशाल रंजन दफ्तुआर
एचआरयूएफ चेयरमैन