“2025 फिर से नीतीश”: सुशासन के आंकड़ों से लैस डॉ. राहुल परमार का जनजागरण अभियान
पटना।बिहार की राजनीति में जहां चुनावी हलचलें तेज हो रही हैं, वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश सचिव और सोनपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी डॉ. राहुल परमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक विकास कार्यों को जन-जन तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया है। डॉ. परमार अपने मिशन “2025 फिर से नीतीश” के तहत आंकड़ों, तथ्यों और ज़मीनी हकीकतों पर आधारित एक विस्तृत पुस्तक लेकर आने वाले हैं, जो न केवल बिहार के विकास यात्रा की कहानी कहेगी, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक दस्तावेज़ के रूप में भी कार्य करेगी।
डॉ. राहुल परमार का मानना है कि नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार को जिस गर्त से निकाल कर विकास के रास्ते पर लाया है, वह केवल राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस आंकड़ों और योजना-आधारित क्रियान्वयन की देन है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, कानून-व्यवस्था, पंचायत सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नीतीश सरकार की उपलब्धियाँ ऐतिहासिक रही हैं।इन्हीं उपलब्धियों को लेकर डॉ. परमार बिहार के कोने-कोने में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। उनका उद्देश्य स्पष्ट है— “सच को आंकड़ों के साथ सामने लाना, ताकि अफवाहों और भ्रम की राजनीति को जवाब मिल सके।”यह पुस्तक न केवल एक राजनीतिक प्रचार सामग्री है, बल्कि यह पिछले दो दशकों में बिहार में हुए परिवर्तन की तथ्यपरक समीक्षा है। इसमें नीतीश कुमार की योजनाओं की शुरुआत से लेकर उनके सामाजिक और आर्थिक प्रभाव तक का विवरण दिया गया है। हर योजना के साथ जुड़े लाभार्थियों की कहानियाँ, सरकारी रिपोर्टों के अंश, और स्वतंत्र सर्वेक्षणों के निष्कर्ष इस पुस्तक को विशिष्ट बनाते हैं।
डॉ. परमार इस पुस्तक के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि बिहार के विकास को पटरी पर लाने का कार्य किसी एक फैसले से नहीं, बल्कि लगातार नीति, नीयत और निष्ठा के संगम से हुआ है — और इसके सबसे बड़े शिल्पकार हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।इस अभियान के अंतर्गत डॉ. राहुल परमार प्रदेश भर में “सुशासन संवाद” कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। गाँव-गाँव, पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में वे आम जनता से संवाद कर रहे हैं, जहाँ वह नीतीश सरकार की नीतियों की जानकारी दे रहे हैं और लोगों की प्रतिक्रिया भी ले रहे हैं।इन कार्यक्रमों में पुस्तक के चुनिंदा अंश भी पढ़े जाते हैं, जिससे जनता को सरकार के कामों की समझ प्रत्यक्ष रूप से हो सके। साथ ही वे युवा मतदाताओं को भी जोड़ रहे हैं, ताकि वे तथ्य आधारित राजनीति की ओर आकर्षित हों।राजनीति जब नारों और भावनाओं से भर जाती है, तब आंकड़े और काम बोलने लगते हैं। डॉ. राहुल परमार का यह प्रयास इसी दिशा में एक सार्थक कदम है। “2025 फिर से नीतीश” कोई साधारण प्रचार नहीं, बल्कि एक जन सरोकारों पर आधारित तथ्यात्मक दस्तावेज़ है, जो सुशासन की पुनरावृत्ति की मांग करता है — लोकतंत्र के माध्यम से।