एचआरयूएफ करेगा संवैधानिक मंचों पर बिहार पुलिस का बचाव
लोकतंत्र में गुडंई का कोई स्थान नहीं है:विशाल दफ्तुआर
एचआरयूएफ के समर्थन के लिये डीजीपी बिहार ने आभार व्यक्त किया
बिहार पुलिस की कड़ी कारवाई को एचआरयूएफ का समर्थन
वैश्विक स्तर की संस्था “ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ ने बिहार विधानसभा चुनाव के पश्चात अराजकता की साजिश करने वाले असमाजिक तत्वों पर बिहार पुलिस के कड़े एक्शन को अपना समर्थन दिया है।एचआरयूएफ चेयरमैन और मशहूर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने डीजीपी,बिहार को पत्र लिखकर एचआरयूएफ के समर्थन की विधिवत घोषणा की। डीजीपी, बिहार विनय कुमार ने एचआरयूएफ के समर्थन के लिये एचआरयूएफ चेयरमैन का आभार व्यक्त किया।
एचआरयूएफ चेयरमैन ने अपने पत्र में लिखा है कि लोकतंत्र में गुंडई का कोई स्थान नहीं है।आपके नेतृत्व में बिहार पुलिस ऐसे अराजक लोगों को पूरी सख्ती के साथ कुचले ताकि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने से पूर्व सौ बार सोचें।बिहार को नेपाल को नहीं बनाया जा सकता है।
बिहार पुलिस के लिये एक सप्ताह काफी चुनौतीपूर्ण है।चुनाव परिणाम के बाद सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में होगी जहाँ घात-प्रतिधात वाली हिंसा शुरू हो सकती है। गौरतलब है कि हाल में चुनावी हिंसा में आरा में एक महिला की जान जा चुकी है।
बिहार पुलिस मानवाधिकार हनन के डर से कई मर्तबा खुलकर काम नहीं कर पाती है।बिहार पुलिस के मनोबल को बढ़ाने के लिये एचआरयूएफ अपना समर्थन बिहार पुलिस को दे रही है ताकि वो अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई कर सके।ऐसे किसी भी मामले में एचआरयूएफ उचित संवैधानिक मंचों पर बिहार पुलिस का बचाव करेगी और बिहार पुलिस का पक्ष रखेगी।
एचआरयूएफ चेयरमैन विशाल दफ्तुआर ने बिहार के डीजीपी विनय कुमार को सुझाव दिया है कि जरूरत पड़ने पर वो एक वीडियो मैसेज जारी करके अराजक तत्वों को चेतावनी जारी करें।

बिहार पुलिस को ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ समर्थन के मायने
वैश्विक स्तर की संस्था ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ आज दुनिया के पावरफुल औरगेनाईजेशन में से एक है।इसकी स्थापना वर्ष 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद जी की प्रेरणा से की गई थी।
एचआरयूएफ का टैग लाईन है ह्युमन राइट्स विथ ह्युमन ड्यूटीज यानि मानवाधिकार मानव कर्तव्य के साथ।इस मामले में यह दुनिया का एकमात्र औरगेनाईजेशन है।
एचआरयूएफ चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर भारत के मशहूर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं जो चीफ जस्टिस आफ इंडिया एवं कई अन्य विख्यात हस्तियों से सम्मानित हैं। वर्ष 2022 में देश की प्रतिष्ठित मैगज़ीन “आउटलुक बिजनेस” ने उन्हें देश के 22 चेंज मेकर्स में शामिल किया था।
एचआरयूएफ चेयरमैन विशाल दफ्तुआर ने मानवाधिकार की एक नई परिभाषा गढ़ी है। उनके अनुसार मानवाधिकार उन्हीं का हो सकता है जो मानव की तरह व्यवहार करेंगे। अराजक तत्वों का कोई मानवाधिकार नहीं हो सकता है।उनकी इस विचारधारा को सेना, अर्द्धसैनिक बलों और देश की विभिन्न राज्य पुलिस बलों ने स्वागत किया है।हालांकि आम आदमी के ऊपर किये गये किसी भी मानवाधिकार हनन पर वो मुखरता से विरोध करते हैं और कड़ी कारवाई भी सुनिश्चित करवाते हैं।
