सम्पादकीय

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लोकतंत्र की रक्षा के प्रहरी : संघ के शताब्दी वर्ष का संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 1975 के आपातकाल के दौरान लाखों स्वयंसेवकों ने जेल

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यह रावण बार-बार क्यों आता है? “रविवारीय” में पढ़िए- जब तक भीतर का रावण जिंदा है, बाहर का दहन अधूरा है

अभी-अभी दो दिन पहले ही तो हम सबने रावण को जलाया है। लंका के अहंकारी राक्षस-राजा रावण को उसके भाई

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नकवी साहब के नए शौक़ पर सलाह, दुबई में हीं खरीद ले नई ट्रॉफी, जीतने की क्षमता उनके खिलाड़ियों में नहीं

मधुप मणि “पिक्कू” पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को उसके चेयरमैन ने पाकिस्तान कॉमेडी बोर्ड बना दिया है। इस कॉमेडी बोर्ड

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काराकाट से बगावत के बाद अब सियासी समीकरणों की नई बुनावट में पवन सिंह की एंट्री चर्चा में

पटना। भोजपुरी सिने एवं संगीत जगत के लोकप्रिय स्टार पवन सिंह इन दिनों बिहार की राजनीति में गहरी हलचल मचा

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“नेतृत्व की राह,” रविवारीय” में आज पढ़िए : बालिकाओं को मिल रहा प्रशासनिक अनुभव

एक दिन की बादशाहत मुग़ल बादशाह बाबर के पुत्र हुमायूँ ने दिल्ली की गद्दी संभाली थी, किंतु अफ़ग़ान शासक शेरशाह

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नवरात्रि, प्रसाद और पालन-पोषण: आस्था में विवेक का महत्व

(नवरात्रियों का संदेश यही है कि आस्था, संयम और विवेक को एक साथ अपनाया जाए।) नवरात्रि में हलवा-पूरी जैसे पारंपरिक

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