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जातीय जनगणना पर अपनी मंशा और स्थिति स्पष्ट करे सीएम-तेजस्वी

पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दो दिवसीय बैठक में जातीय जनगणना, महंगाई, रोजगार, पलायन, बिहार में बढ़ती गरीबी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और पैकेज सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा और चिंतन की गई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियां देश और बिहार के भाईचारे को तोडऩा चाहती है।

बंटवारा और तनाव का माहौल बनाकर असल मुद्दे से ध्यान भटकाया जा रहा है और लोगों के बीच नफ रत फैलाने की बातें की जा रही है। डबल इंजन सरकार में चर्चा हिन्दु मुसलमान, मंदिर मस्जिद, लाउडस्पीकर और बुलडोजर पर चर्चा की जा रही है। जनता के असल सवालों से लोगों को भटकाया जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल जनता के सवालों पर तथा बेरोजगारी और जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक बड़ा संघर्ष और आन्दोलन किया जायेगा और इन सब सवालों को लेकर पटना से दिल्ली तक पदयात्रा की जायेगी।

जातीय जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला और जब सभी लोग मिलकर सहमति के साथ इस मुद्दे पर गये तो मुख्यमंत्री भी जातीय जनगणना कराने के सवाल पर पूरी तरह सहमत थे। जब केन्द्र सरकार ने इंकार किया तो नीतीश कुमार ने स्वयं कहा था कि हम अपने स्तर से बिहार में जातीय जनगणना करायेंगे  लेकिन बाद में वो ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने की बात करने लगें जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि दो दो बार बिहार विधान सभा और विधान परिषद से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार के पास भेजा गया लेकिन अब किस दबाव और मंशा के तहत इस तरह की बातें कर रहे हैं ये इन्हें स्पष्ट करना चाहिए। इन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना कराना सरकार का काम है विपक्ष का काम नहीं। आखिर क्या कारण है कि आपने अपने वायदा से मुकरकर इस पर चुप्पी साध ली है। आखिर क्या कठिनाई है स्थिति स्पष्ट करे।

तेजस्वी ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि 48 से 72 घंटे के अन्दर यह बतायें कि जातीय जनगणना कराने में क्या कठिनाई है। अगर मंशा साफ  नहीं है और इस मामले में अगर कोई कठिनाई है तो वो भी लोगों को बताएं। जातीय जनगणना के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद हमेशा प्रयासरत रहे और उन्हीं के दबाव में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने जातीय आर्थिक गणना करवाया था लेकिन उसे केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार 2014 के बाद सदन में प्रस्तुत नहीं किया। वहीं तेजस्वी ने कहा कि बीपीएससी का पर्चा लीक होने की जिम्मेदारी और जवाबदेही किस पर होगी सरकार स्पष्ट करे। साथ ही परीक्षार्थियों के आने जाने में जो परेशानी हुई है उसके लिए उन्हें पांच हजार रूपये का मुआवजा दिया जाय और उम्र सीमा को बढ़ाया जाए। इस अवसर पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।