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सुदर्शन चक्र के मैदान में भारतीय जवानों की रक्षा करने पहुंचे हेलमेट मैन ऑफ इंडिया

लेफ्टीनेंट जनरल प्रितपाल सिंह ने हेलमेट मैन को आमंत्रित कर कहा भारत को आर्मी की जरूरत है लेकिन अब आर्मी को हेलमेट मैन की जरूरत है. प्रीतपाल सिंह भोपाल सुदर्शन चक्र की कमान 1 जनवरी से संभाल रहे हैं. छूटी लेकर घर जा रहे जवानों की लगातार सड़क हादसों में घायल की सूचना आने लगी. पिछले 4 महीनों में लगभग आठ जवानों की सड़क हादसों में हेलमेट न लगाने से मृत्यु हो गई. फौज के सभी बड़े अधिकारी के लिए चिंता का विषय बन गया. बिना किसी युद्ध के इस तरह जवानों को खोने के बाद एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई गई जिसमें अपने जवानों की रक्षा करने के लिए हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया राघवेंद्र कुमार को आमंत्रित किया गया है.

हेलमेट मैन ने कहा भोपाल के आर्मी एरिया में रोड एक्सीडेंट 0% है. यह मिलिट्री पुलिस के सख्त नियम की देन हैं. लेकिन इसके बाहर सभी जगह सड़कों पर रक्त के निशान है और आए दिन सड़क दुर्घटना की खबरें सुर्खियों में बनी रहती है. क्योंकि भारत में हर साल सड़क हादसों की वजह से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. 2022 में 1 लाख 68 हजार लोगो की मौत हुई जिनमें 1200 जवानों की मौत के आंकड़े हैं जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी हानी है. क्योंकि आज सड़क हादसे में सिर्फ एक सामान्य व्यक्ति के मौत पर भारत सरकार के राजस्व का नुकसान 90 लाख का होता है. यानी सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना हेलमेट पहने घर से निकल रहा है वह देश का 90 लाख रुपए लेकर सर पर खुलेआम घूम रहा है. जो हर भारतवासियों के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए.

तीन से चार दिनों तक मिलिट्री पुलिस के साथ हेलमेट मैन ने कई जगहों पर भ्रमण किया. लगभग 1500 जवान और उनके परिवारों के बीच एक ऑडिटोरियम में मीटिंग के ऊपर चर्चा हुआ. लेफ्टीनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह एव मेजर जनरल S K श्रीवास्तव, भोपाल ट्रेफिक डीसीपी आईपीएस संजय सिंह के साथ और भी कई बड़े अधिकारी ने भाग लिया. आर्मी जवानों के सुरक्षा के साथ, उनके परिवारों के ऊपर भी फोकस किया. हेलमेट मैन ने कहा आज भारत का हर छोटा बच्चा मोबाईल टेलीविजन के माध्यम से बचपन से आर्मी का शौर्य देखकर उसकी तरह बनना चाहता है इसलिए बच्चों की सुरक्षा ध्यान में रखते हुए कुछ छोटे बच्चों को हेलमेट पहना कर हम सब एक पहल की आज शुरूआत करेंगे.

GOC प्रितपाल सिंह से कहा आर्मी कैंटीन में 18 साल से बड़े लोगों के लिए हेलमेट की उपलब्धता है लेकिन छोटे बच्चों के लिए नहीं है. जबकि भारत में 4 साल से ऊपर के बच्चों के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट से कानून पास करवाया है. अब आर्मी कैंटीन में छोटे बच्चों के लिए हेलमेट की उपलब्धता कराई जाए ताकी सभी माता पिता अपने बच्चों को बाईक पर हेलमेट पहनाकर स्कूल छोड़े. और बड़े बच्चों को जब तक साइकिल पर हेलमेट लगाने की आदत ना बन जाए तब तक कोई माता पिता बाइक या फिर स्कूटी उसके लिए ना खरीदें. हेलमेट मैन ने कहा मैं अपना दोस्त खोने के बाद भारत के हर नागरिक को अपना मित्र बनाने निकला हूं और आज हमे इस पवित्र भूमि पर आमंत्रित कर एक साथ हमारी मित्रता 1500 जवानों के साथ हो रही है यह मेरे लिए गर्व की बात है.

सड़क दुर्घटना एक अदृश्य युद्ध है और हमें मिलकर इस युद्ध को लड़ना है. आज भारत की सरहद सिर्फ जवानों की वजह से सुरक्षित है, अब भारत की सड़के हम मिलकर सुरक्षित करेंगे. आज से एक नई प्लानिग के साथ मिलिट्री पुलिस और स्टेट पुलिस दोनों मिलकर अब भारत को सड़क दुर्घटना मुक्त बनाएंगे. इसीलिए ऑडिटोरियम के सभी लोगों को नारे के साथ अग्नि शपथ दिलाई सड़क हादसों के खिलाफ लड़ने के लिए. हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया सड़क दुर्घटना में मरे हुए सभी सैनिकों के घर एक हेलमेट बैंक खोलने जा रहे हैं. जहां गांव के लोग अपनी आईडी दिखाकर निशुल्क हेलमेट ले सकते हैं.

उनका कहना है सैनिक कभी मरते नहीं बल्कि हमेशा भारत की धरती पर उनका अवतार होता है जिनकी वजह से हमारे देश की सरहद सुरक्षित है. और सैनिकों का दोबारा अवतार होगा जो फिर से अपनी भारत मां की रक्षा करने आएंगे. हर सैनिक का रिटायरमेंट के बाद अपने गांव की सुरक्षा करने की भावना होती इसीलिए सैनिकों की याद में हेलमेट बैंक उनके गांव बना रहा हूं ताकि गांव के किसी व्यक्ति की सड़क हादसे में मृत्यु ना हो सके. और उस सैनिक की वीरता को गांव के लोग हमेशा याद रखें.

हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया पिछले 10 वर्षों में भारत के 22 राज्यों में सड़कों पर घूम कर 62 हजार से अधिक हेलमेट बांट कर अब तक 36 लोगों की जान बचा चुके हैं.