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युद्धविराम के बाद पीएम मोदी का पहला वक्तव्य, पोखरण परीक्षण को किया याद

नई दिल्ली, 11 मई 2025: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों और तकनीकी प्रगति की सराहना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण को ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वैज्ञानिकों के योगदान को रेखांकित किया।

पीएम मोदी का संदेश:
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर शुभकामनाएं! यह दिन हमारे वैज्ञानिकों के प्रति गर्व और आभार व्यक्त करने का अवसर है। हम 1998 के पोखरण परीक्षणों को याद करते हैं, जो हमारे राष्ट्र के विकास पथ में एक ऐतिहासिक घटना थी। यह आत्मनिर्भरता की हमारी खोज में विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी। हमारी जनशक्ति से संचालित, भारत तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।”
पोखरण परीक्षण का ऐतिहासिक महत्व:
11 मई, 1998 को राजस्थान के पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण (ऑपरेशन शक्ति) ने भारत को वैश्विक परमाणु शक्ति संपन्न देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया। इस उपलब्धि ने भारत की वैज्ञानिक क्षमता और रक्षा नीति को मजबूती प्रदान की। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस इसी ऐतिहासिक घटना की स्मृति में हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और वैज्ञानिक समुदाय को प्रोत्साहित करना है।

आत्मनिर्भर भारत पर जोर:
प्रधानमंत्री के संदेश में आत्मनिर्भरता और तकनीकी नवाचार पर विशेष बल दिया गया। उनके नेतृत्व में भारत ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों के जरिए तकनीकी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। ये पहलें न केवल स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि भारत को वैश्विक तकनीकी मंच पर एक मजबूत स्थिति भी प्रदान कर रही हैं।

देशभर में उत्साह:
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। वैज्ञानिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और तकनीकी संगठनों ने सेमिनार, प्रदर्शनियां और नवाचार प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। ये आयोजन युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रेरित करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

आगे की राह:
प्रधानमंत्री का यह संदेश न केवल भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि भविष्य में तकनीकी नेतृत्व की दिशा में देश की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अंतरिक्ष अनुसंधान, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है, जो इसे वैश्विक नवाचार का केंद्र बनाने में सहायक होगा।