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प्रवासी मजदूरों को घर लाने के लिए जविपा सुप्रीमो अनिल कुमार अपने कार्यालय में देंगे धरना

10 मई को प्रवासी मजदूरों को घर लाने के लिए जविपा सुप्रीमो अनिल कुमार अपने कार्यालय में देंगे धरना
महाराष्‍ट्र में रेल दुर्घटना में मजदूरों की मौत पर अनिल कुमार ने किया दुख व्‍यक्‍त
पटना, 8 मई 2020 : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर लाने की मांग को लेकर 10 मई को अपने पार्टी कार्यालय में धरना देंगे। इस बाबत उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने देश में जो संविधान बनाया, उसमें सबों को समानता का अधिकार है। फिर क्यों आज देश की सरकार गरीब और मजदूर लोगों को उनके हाल पर छोड़ने का काम कर रही है।
उन्‍होंने कहा कि कोरोना संकट में आज गरीब मजदूर दूसरे प्रदेशों से अपने घर वापस लौटने को मजबूर हैं। इस दौरान उन्‍हें कई तरह की बाधाओं का समाना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में आज एक बहुत दुखद घटना हुई। महाराष्ट्र से अपने घर को लौट रहे 16 मजदूर ट्रेन की चपेट में आकर अकाल मृत्‍यु के शिकार हो गए। हम कहना चाहते हैं कि अगर सरकार द्वारा मजदूरों की वापसी की सुनिश्चित व्यवस्था होती तो आज इतने मजदूर अकारण मौत नहीं मरते। हम इसे हत्या मानते हैं और इस हत्या के लिए देश की चुनी हुई सरकार जिम्‍मेदार है।
अनिल कुमार ने कहा कि बिहार और केंद्र की सरकार सामंती है, जिसने मजदूरों और गरीबों को मुसीबत में मरने के लिए छोड़ दिया है। ऐसी सरकारों को रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार सामंती हो चुकी है। इस सरकार ने जनता को हल्के में लेने का काम किया है। उन्‍होंने डबल इंजन सरकार से पूछा कि आखिर ऐसी कौन सी खुशी थी कि आप थाली पिटवा रहे थे। कौन सी वह जंग थी जिसके जीत की खुशी में फूलों की बारिश करवा रहे थे। कोरोना संकट अभी भी कम नहीं हुआ है, फिर इन सब चीजों पर करोड़ों रूपये फूंकने के क्‍या मायने हैं।
उन्‍होंने कहा कि अगर सरकार इन पैसों से गरीब मजदूरों को अपने घर तक करो तक पहुंचा देती और वहां कोरेंटिन कराकर उनके खाने की व्यवस्था कर देती तो यह उनके लिए बहुत बड़ी राहत होती। उनके संवैधानिक अधिकारों का रक्षा होता, लेकिन यह सामंती सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है। इसलिए हम आगामी 10 मई को मजदूरों को घर वापस लाने के मुद्दे पर अपने कार्यालय में धरना देंगे। हम गांधी को मानने वाले हैं। हम गांधीवादी तरीके से ही सरकार की गलत नीतियों का विरोध करेंगे और इस धरना को सफल बनाने का काम करेंगे।