बिहार:– भारतीय संस्कृति की ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ मानवजाति को प्राप्त हिन्दू धर्म की अद्वितीय धरोहर है ! राष्ट्र और धर्म के संकटकाल में धर्मसंस्थापना का कार्य इसी ‘गुरु-शिष्य’ परंपरा ने किया है। गुरुपूर्णिमा के निमित्त से इस महान गुरु-शिष्य परंपरा का स्मरण करना आवश्यक है।
गुरुपूर्णिमा पर 1 हजार गुना कार्यरत गुरुतत्त्व का लाभ सभी को हो और गुरु के प्रति सभी कृतज्ञता व्यक्त कर पाएं, इसके लिए सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रतिवर्ष देशभर में गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष, 5 जुलाई 2020 को गुरुपूर्णिमा के मंगलदिन यह महोत्सव सरकार के निर्देशानुसार ‘ऑनलाईन’ माध्यम से मनाया जाएगा।
हिन्दी, मराठी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, उडिया, तेलुगु, कन्नड, तमिल और मल्यालम्, इन 11 भाषाओं में 5 जुलाई को सायं ‘ऑनलाईन गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’का प्रसारण किया जाएगा। इन महोत्सवों का सभी लाभ लें, ऐसा आवाहन सनातन संस्था की ओर से किया गया है। इन महोत्सवों में श्रीव्यासपूजन, श्रीगुरुपूजन, साधना के संदर्भ में मार्गदर्शन के साथ ही ‘आपत्काल में हिन्दुओं का कर्तव्य और धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ इन विषयों पर अनमोल मार्गदर्शन होनेवाला है।
गुरु अर्थात निर्गुण ईश्वर के देहधारी सगुण रूप । इन गुरु के कारण ही शिष्य की जन्म-मृत्यु के फेर से मुक्ति मिलने से उसकी मोक्षप्राप्ति संभव है। ऐसे गुरु अपने जीवन में आएं, इसके लिए लगन से साधना करनी चाहिए। इसके लिए इस महोत्सव में मार्गदर्शन किया जाएगा। वर्तमान में महामारी के आपत्काल में दैवीय बल की बहुत आवश्यकता है। इसलिए इस महोत्सव में सहभागी होने से गुरु का आशीर्वाद मिलेगा, इसके साथ ही हिन्दुओं का धार्मिक संगठन भी सुदृढ होगा।
इसलिए सर्व राष्ट्र और धर्मप्रेमी हिन्दू अपने परिवार सहित ऑनलाईन ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’का लाभ लें। इसके साथ ही आपका मित्र-परिवार, परिचित, सगे-संबंधियों को भी निमंत्रण दें, ऐसा आग्रही आवाहन सनातन संस्था ने किया है।
‘हिन्दी’ भाषा की ‘ऑनलाईन गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ 5 जुलाई को सायं 7 बजे होगा, जो FaceBook अथवा YouTube द्वारा देखा जा सकेगा । उसके लिंक्स आगे दिए अनुसार हैं :