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सीएम नीतीश ने याद दिलाया 2005 के पहले का लालू राज, ट्वीट के जरिए बताया कैसा था अराजक और भय का माहौल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट के जरिए बिहारवासियों को लालू राज की याद दिलाई। ट्वीट उन्होंने में कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था। पूरे राज्य में अराजकता का माहौल था। शाम के बाद लोग घरों से बाहर निकलने से डरते थे। अपहरण का धंधा उद्योग बन चुका था, शोरूम से दिनदहाड़े गाड़ियां लूटी जाती थीं, और भय के कारण लोग नया मकान या वाहन खरीदने से कतराते थे।
उन्होंने कहा कि “बिहारी कहलाना उस समय अपमान की बात मानी जाती थी, क्योंकि राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी और अपराधियों को सत्ता से सीधा संरक्षण प्राप्त था।”

वर्ष 2005 के बाद स्थापित हुआ कानून का राज और सुशासन

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 में जब नई सरकार बनी, तब सबसे पहले विधि-व्यवस्था के संधारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई गई।
उन्होंने कहा कि आज बिहार में भय का नहीं बल्कि प्रेम, भाईचारे और शांति का वातावरण है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2005 में राज्य में मात्र 817 थाने थे, जो अब बढ़कर 1380 से अधिक हो गए हैं। पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियार, वाहन और भवन उपलब्ध कराए गए। सिपाही और अधिकारियों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी गई तथा स्पेशल ऑग्जिलरी पुलिस (सैप) का गठन किया गया।
वर्ष 2005 में जहां केवल 42,481 पुलिसकर्मी कार्यरत थे, वहीं वर्तमान में उनकी संख्या 1 लाख 25 हजार से भी अधिक हो गई है। सरकार ने 2 लाख 29 हजार से अधिक नए पद सृजित कर बहाली प्रक्रिया को तेज कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए पुलिस में 35% आरक्षण लागू किया गया है। बड़ी संख्या में महिला सिपाहियों की नियुक्ति की गई है और ‘आदिवासी महिला स्वाभिमान बटालियन’ का गठन किया गया है।

वर्ष 2008 में राज्य सिपाही भर्ती बोर्ड तथा वर्ष 2017 में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग का गठन कर नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाया गया। साथ ही अपराधों की वैज्ञानिक जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई।

सीएम का ट्वीट
https://x.com/nitishkumar/status/1982403137383354537?s=46

नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 का साल बिहार के लिए एक निर्णायक मोड़ था। आज राज्य न्याय के साथ विकास की दिशा में अग्रसर है। युवाओं को रोजगार मिल रहा है, बहन-बेटियों के उत्थान के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं और उद्योग-व्यवसाय बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा —

अब बिहार में खुशहाली और सुशासन है। बिहारी कहलाना अब अपमान नहीं, सम्मान की बात है। राज्य की जनता अब कभी भी उस अराजक दौर में वापस नहीं लौटेगी।”

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