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कोरोना काल में ‘भूमिका विहार’ की बड़ी पहल, गरीबों और बेसहारा परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण 

त्रिलोकचक/कनकपुर, 07 जून. कोरोना महामारी ने देश में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में सरकार से लेकर समाजसेवी संगठन गरीबों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. इसी क्रम में ‘भूमिका विहार’ ने आज छपरा जिले के त्रिलोकचक पंचायत में गरीबों और बेसहारा परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया. राहत सामग्री में चावल, दाल, सरसों का तेल, हल्दी, नमक, सोयाबीन, चीनी, गुड़ चना, साबुन, सर्फ, सेनीटाइजर आदि समान का किट लाभार्थियों को दिया गया.

इस अवसर पर ‘भूमिका विहार’ की निदेशक शिल्पी सिंह ने लोगों को कोरोना महामारी से बचाव का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘इस महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनना और लगातार अंतराल के बाद हाथ धोना जरूरी है.’ शिल्पी सिंह ने गांव की महिलाओं और युवा लड़कियों से शारीरिक स्वच्छता और सहयोग लेकर भी बातचीत की.’

3 जिले के 2600 परिवारों के बीच बंटेगी राहत सामग्री 

शिल्पी ने बताया कि उनकी संस्था ‘भूमिका विहार’ बिहार के 3 जिले छपरा, कटिहार और अररिया में 2600 परिवारों के बीच कोरोना राहत सामग्री का वितरण करेगी. इसी के तहत त्रिलोकचक पंचायत के कनकपुर गांव में आज राहत सामग्री का वितरण हुआ. सबसे पहले कनकपुर की एक बेहद गरीब और विकलांग महिला क्रांति देवी को वरिष्ठ ग्रामीण अखिलेश सिंह ने राहत सामग्री का किट दिया. शिल्पी सिंह ने बताया कि इस पंचायत में इस राहत सामग्री के वितरण से सैकड़ों गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा.

पंचायत के युवाओं ने कार्यक्रम को बनाया सफल 

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बारहगांवा विकास समिति के युवाओं ने जमकर मेहनत की. छपरा जिले के त्रिलोकचक पंचायत में राहत सामग्री वितरण के लिए चयन में ईशमेला के श्री जयकिशोर सिंह और मीरा सिंह के पुत्र एवं वरिष्ठ पत्रकार सत्यकाम अभिषेक ने अहम भूमिका निभाई. इसके अलावा गुड्डेश्वर प्रसाद सिंह (पूर्व मुखिया त्रिलोकचक पंचायत) मुकलेश सिंह, मुन्ना कुमार, रंजीत सिंह, मिंटू सिंह, चंदन कुमार आदि ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया. इन युवकों ने पंचायत के सभी घरों में जाकर सर्वे किया और आंकड़े एकत्र किए. इसके अलावा भी कई कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम में अपना योगदान दिया.

गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं के लिए जच्चा-बच्चा किट 

शिल्पी सिंह ने बताया कि कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी काफी दिक्कत हुई है. उनेके लिए उनकी संस्था 600 किटों का वितरण कर रही है. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली महिलाओं और नवजात शिशुओं के मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए अलग से जच्चा-बच्चा किट का भी वितरण किया जा रहा है. इस किट में दूध, हॉरलिक्स, मसूर दाल और चने का सत्तू दिया जा रहा है.