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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से वाणिज्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) के शिलान्यास से एक दिन पूर्व बुधवार को कहा कि इससे वाणिज्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री गुरुवार को यानि आज उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखेंगे। इसके पहले चरण का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का अकेला राज्य होगा।

उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के निर्माण में एक प्रमुख दिन आज

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “कल, 25 नवम्बर भारत और उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के निर्माण में एक प्रमुख दिन है। दोपहर एक बजे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जाएगा। इस परियोजना से वाणिज्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा।”

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव कम होगा। यह रणनीतिक रूप से स्थित है तथा दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद सहित शहरी आबादी और पड़ोसी इलाकों की सेवा करेगा।

एयरपोर्ट की खासियत

पहली बार भारत में किसी ऐसे हवाई अड्डे की परिकल्पना की गई है, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो और जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक संबंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो। समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जाएगा। औद्योगिक उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा के जरिए, यह हवाई अड्डा क्षेत्र में भारी निवेश को आकर्षित करने, औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे नए उद्यमों को अनगिनत अवसर मिलेंगे तथा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।

हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में होगा सक्षम

हवाई अड्डे में ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित किया जाएगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा। साथ ही, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी-बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग की सुविधा भी होगी। इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जाएगा। नोएडा और दिल्ली को सुगम मेट्रो सेवा के जरिए जोड़ा जाएगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी हवाई अड्डे से जोड़े जाएंगे। हवाई अड्डे को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके कारण दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा।

हवाई अड्डे में टर्मिनल के नजदीक ही हवाई जहाजों को खड़ा करने की सुविधा होगी ताकि उसी स्थान से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन में वायु सेवाओं को आसानी हो। यह भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा। हवाई अड्डे के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से हो रहा है। यह 1300 हेक्टेयर से अधिक हेक्टेयर पर फैला है। पहले चरण का निर्माण हो जाने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता वार्षिक रूप से 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की हो जाएगी। निर्माण-कार्य तय समय पर है और 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसे अंतरराष्ट्रीय बोली-कर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी क्रियान्वित करेगा।