बिहार के दरभंगा निवासी सतीश चौधरी 11 सालों बाद हुए आजाद, मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर के प्रयासों ने सतीश घर लौटाई खुशियाँ
मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर का प्रयास रंग लाया, 11 साल से बांग्लादेश में कैद सतीश चौधरी आज हो गया आजाद
मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर के प्रयासों के बाद बिहार के दरभंगा निवासी सतीश चौधरी को आजाद करा लिया गया। गौरतलब है कि सतीश पिछले 11 सालों से बांग्लादेश के जेल में कैद था। सतीश के आजाद होने से उसके घर में खुशियां लौट आई हैं।
सतीश बिहार के दरभंगा जिले के एक गरीब परिवार का लड़का है जो मानसिक रूप से बीमार भी है। विशाल रंजन के अनुसार बांग्लादेश की सरकार ने ढाका स्थित हाई कमीशन आफ इंडिया को सूचित किया था कि 12 सितंबर को वे सतीश चौधरी को BSF के हवाले कर देंगे। सुचना के मुताबिक सतीश को दर्शना गेडे बार्डर पर बार्डर गार्डस बांग्लादेश (BGB) सतीश चौधरी को बार्डर सिक्योरिटी फोर्स(BSF) के हवाले करने की बात कही गयी थी। सुचना मिलते ही मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर सतीश चौधरी को रिसीभ करने उनके भाई मुकेश चौधरी के साथ बांग्लादेश बार्डर के लिये रवाना हो गये।
बिहार पत्रिका सतीश चौधरी के कैद की खबर लगातार आ रही थी। सतीश की आजादी के लिए मानवाधिकार कार्यकर्त्ता विशाल रंजन दफ़्तुआर काफी समय से प्रयासरत थे। उनके ही प्रयासों का नतीजा कहा जा सकता है कि आज सतीश चौधरी आजाद हो गया।
गौरतलब है कि साल 2008 में सतीश चौधरी इलाज के लिये पटना आया था और और फिर अचानक गायब हो गया। वह मानसिक तौर पर बीमार था बाद में 2012 में जानकारी मिली की वह बांग्लादेश के जेल में बंद है।
सतीश का छोटा भाई मुकेश चौधरी ने अपने भाई को छुड़ाने का सालों साल प्रयास किया। वह इस क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला और निराशा हाथ लगी।
अतं में सभी जगह से निराश होने के बाद मुकेश चौधरी ने इसी साल जुलाई माह में मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर को पत्र लिखा। श्री दफ्तुआर ने इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुये बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा जिसके बाद इस पर त्वरित कारवाई हुई।