सम्पादकीय

एक शहर, हजार एहसास- “कोलकाता मेरी नज़र से” ने लिया साहित्यप्रेमियों को फ़्लैशबैक की दिलछू लेने वाली यात्रा पर

कोलकाता मेरी नज़र से” का लोकार्पण”

आज प्रत्यक्ष कर भवन, लखनऊ के सभागार में लेखक मनीश वर्मा ‘मनु’ की नवीनतम कृति “कोलकाता मेरी नज़र से” का भव्य विमोचन सम्पन्न हुआ। पुस्तक का लोकार्पण प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, उत्तर प्रदेश (पूर्व), लखनऊ, आदरणीय अमल पुष्प द्वारा किया गया। इस अवसर पर आयकर महानिदेशक (अन्वेषण), लखनऊ, आदरणीय अजय अत्री , मुख्य आयकर आयुक्त लखनऊ आदरणीया वंदना वर्मा , आयकर आयुक्त प्रशासन लखनऊ आदरणीया ऋचा रस्तोगी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति कार्यक्रम की गरिमा में अभिवृद्धि करती रही।

इस अवसर पर राजभाषा अधिकारी सह आयकर आयुक्त आदरणीय शौर्य शाश्वत शुक्ल जिन्होंने इस पुस्तक की भूमिका लिखी है , उन्होंने संक्षिप्त में इस पुस्तक का परिचय सभागार में उपस्थित लोगों को कराया।
समारोह के मुख्य अतिथि एवं प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त उतर प्रदेश ( पूर्व ) लखनऊ ने लेखक मनीश वर्मा ‘ मनु ‘ को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पुस्तक उन्हें फ़्लैशबैक में लेकर चली गई है। वो अपने कोलकाता के दिनों को याद कर रहे हैं जब वे वहाँ अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों के दौरान पदस्थ रहे थे ।
लेखक की यह पुस्तक कोलकाता को मात्र एक महानगर के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवंत एहसास, गहरे आत्मीय अनुभव और अदृश्य जादू के रूप में प्रस्तुत करती है। पुस्तक के माध्यम से कोलकाता की गलियों, ट्राम की धीमी रफ़्तार, गंगा के तट की शांति, पुरानी इमारतों की विरासत और लोगों की भद्रता को शब्दों में पिरोने का प्रयास किया गया है।

लेखक मनीश वर्मा ‘मनु’ का कहना है कि कोलकाता आपको शोर से नहीं, बल्कि अपनापन देकर जीतता है—एक धैर्यवान, आत्मीय मित्र की तरह, जो अपनी भाषा, संस्कृति और सौम्यता को समझ लेने पर अपने दिल के दरवाज़े खोल देता है।

“कोलकाता मेरी नज़र से” इन भावनात्मक अनुभवों, स्मृतियों और संवेदनशील अवलोकनों का एक संग्रह है—एक ऐसी यात्रा, जो सामान्य यात्राओं से आगे बढ़कर पाठक और शहर के बीच एक आत्मीय संवाद रचती है।

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