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डबल इंजन सरकार धोखा है गरीब ,मजदूर, किसान, छात्र नौजवान बिहार बचा लो मौका है – एजाज अहमद

पटना 5 जून 2020 : जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने बताया कि 7 जून 2020 को पार्टी की ओर से ये सरकार धोखा है बिहार बचा लो मौका है के नारों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव सहित पार्टी के सभी नेताओं कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों के साथ फेसबुक लाइव के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार को हर क्षेत्र में हुई नाकामियों को उजागर किया जाएगा ।और बताया जाएगा कि किस तरह से बिहार लौटने वाले मजदूरों एवं छात्रों को केंद्र एवं राज्य सरकार ने रोकने का हर संभव भरसक प्रयास किया और इनके साथ अमानवीय व्यवहार किया, इतना ही नहीं इन मजदूरों को राज्य के बाहर गुजरात, हरियाणा ,उत्तर प्रदेश , मुंबई दिल्ली सहित अन्य राज्यों में पुलिस के डंडा और आंसू गैस सहित अन्य तरह से प्रताड़ित किया गया । और जो मजदूर पैदल चले आ रहे थे उन्हें काल के गाल में समाने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया गया हद तो यह है कि केंद्र एवं राज्य सरकार की लापरवाही के कारण पूरे देशभर में हजारों की संख्या में मजदूर रेल से कटकर , श्रमिक एक्सप्रेस में भुखमरी के कारण ,सड़क दुर्घटना, पैदल चलने वाले भूख तथा प्यास के कारण मौत के शिकार हुए। लेकिन इन मृतकों के पीड़ित परिवार तक कोई सहायता राशि नहीं पहुंचाई गई और न ही इनके परिवार से सहानुभूति प्रकट की गई ,हद तो यह है कि जब यह मजदूर दर-दर की ठोकरें खा रहे थे तो राज्य सरकार की ओर से इनको सहायता पहुंचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया। ऐसे विपत्ति काल में जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव अपने स्तर से सहायता किए और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में रहने वाले मजदूरों को जिनकी संख्या 70 हजार से अधिक रही उन मजदूरों को राशन पानी मुहैया कराया और 60 हजार से अधिक मजदूरों को अपने स्तर से टिकट उपलब्ध करवाकर उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की और उनके लिए अलग से बस की भी व्यवस्था की। हद तो यह कि जब कोटा में छात्र बेबसी और परेशानी के हालात में थे तो उस समय भी पप्पू यादव ने अपने स्तर से छात्रों के लिए बसों की व्यवस्था की और उन छात्रों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार पर लगातार दबाव बनाकर उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाई ।
एजाज ने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया अचंभित है जब कोरोना मरीज की संख्या भारत में 500 की संख्या में थे ,तब लगातार लॉक डॉउन से लेकर हर तरह के डरावने सपने दिखाकर केंद्र सरकार ने लोगों को घर में ही रहने पर मजबूर किया ।और जब 2 लाख 25 हजार से अधिक मरीज की संख्या हो गई है तो आप केंद्र एवं राज्य सरकार बिहार में चुनाव की जल्दबाजी में यह कहना शुरू कर दी है कि कोरोना के साथ जिंदगी जीने का तरीका अपनाना होगा, और हद तो यह है कि केंद्रीय गृह मंत्री ऐसे परेशानी काल मे तथा लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद भी वर्चुअल रैली करने के लिए बेचैन है और ऐसा लग रहा है कि अमित शाह इस रैली के माध्यम से ही बिहार तथा देश को कोरोना से विजय प्राप्त करवा लेंगे , आश्चर्य इस बात का है कि भाजपा के पद चिन्हों पर चल कर देखा देखी बिहार में नेता प्रतिपक्ष इन गरीबों के साथ हमदर्दी दिखाने की जगह उनसे हमदर्दी दिखाने की जगह उनका मजाक बना कर बर्तन और कटोरा बजाने की बात कर रहे हैं ,जबकि मानवीय दृष्टिकोण से यह दोनों कार्यक्रम कहीं से उचित नहीं है उ
इन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया है वहीं बिहार पुलिस के द्वारा जारी पत्र से ही झुठलाने की कोशिश की जा रही है, और इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में नीतीश सरकार मजदूरों को अपराधी के तौर पर देख रही है ,जबकि मानवीय दृष्टिकोण यह होना चाहिए कि मजदूरों को केंद्र एवं राज्य सरकार उन सभी को ₹12000 तत्काल देने की व्यवस्था करती और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करती ।
इन्होंने आगे कहा कि राज्य में ही रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार कोई बेहतर उपाय करती लेकिन उसके जगह पर बिहार पुलिस के पदाधिकारी इन मजदूरों को अपराध की श्रेणी में खड़ा करके मानवता के साथ कैसा इंसाफ कर रहे हैं ये बिहार वासियों को समझने की आवश्यकता है और आज ऐसे धोखेबाज सरकार के खिलाफ आम जनता को गोलबंद करने का मौका है और बिहार बचाओ मौका है।