अंतर्राष्ट्रीय

ISA महासभा ने 2030 तक सौर ऊर्जा में 1,000 अरब डॉलर निवेश अर्जित करने का किया वादा

बहुपक्षीय निकाय अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन यानि ISA ने चौथी आम सभा में वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में 1,000 अरब डॉलर निवेश अर्जित करने का वादा किया है। गुरुवार को संपन्न हुई बैठक में ISA महासभा ने यह वादा किया है। आईएसए की चौथी आम सभा का आयोजन डिजिटल माध्यम से 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर के बीच हुआ। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने की। वे इस समय ISA महासभा के अध्यक्ष भी हैं।

74 सदस्य देश बैठक में हुए शामिल

इस सभा में 74 सदस्य देशों और 34 पर्यवेक्षक एवं संभावित देशों सहित कुल 108 देशों, 23 भागीदार संगठनों और 33 विशेष आमंत्रित संगठनों ने भी भाग लिया। जलवायु के बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने मुख्य भाषण दिया और यूरोपीय ग्रीन डील के लिए यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष फ्रैंस टिमरमैन ने 20 अक्टूबर को इस सभा को संबोधित किया।

ISA देगा क्रेडिट गारंटी

वहीं भारत के विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, आईएसए दुनिया भर में 800 मिलियन लोगों के लिए ऊर्जा पहुंच को सक्षम बना सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह समय विकसित देशों के लिए ऊर्जा पारगमन निधियों को निर्देशित करने का है, जिस प्रकार उन्होंने इस बारे में पिछले जलवायु सम्मेलनों में प्रतिबद्धता दिखाई थी। ISA इन देशों में क्रेडिट गारंटी देगा और हरित ऊर्जा निवेशों के संचालन में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि विकसित देशों को यह निर्धारित करना होगा कि आर्थिक विकास स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से होना चाहिए या कोयला और जलाऊ लकड़ी जलाते हुए।

जलवायु के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष के दूत जॉन केरी ने कहा कि सौर ऊर्जा सबसे शक्तिशाली उपकरण है जो दुनिया के पास जलवायु संकट से निपटने वाला एक टूलकिट है। सौर ऊर्जा जनित अर्थव्यवस्था के निर्माण से न केवल कार्बन उत्सर्जन कम होगा बल्कि यह व्यापक आर्थिक अवसरों का भी सृजन करेगा। आईएसए छोटे द्वीपीय देशों सहित उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भी सौर ऊर्जा के प्रसार पर ध्यान केंद्रित करने वाला विशिष्ट गठबंधन है। इसलिए मैं हर देश द्वारा किए गए जबरदस्त काम की सराहना करता हूं। सौर ऊर्जा हमारे सामूहिक जलवायु लक्ष्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

COP-26 में ग्रीन ग्रिड्स पहल

सभा में ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ पहल को लेकर भी चर्चा की गई। सौर ऊर्जा के लिए एकल वैश्विक ग्रिड पर पहली बार 2018 के अंत में ISA की पहली असेंबली में जोर दिया गया था। इसमें दुनिया में सौर ऊर्जा को साझा करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय ऊर्जा ग्रिड के निर्माण और स्केलिंग की कल्पना की गई है। इसमें समय क्षेत्रों, मौसम, संसाधनों और देशों एवं क्षेत्रों के बीच मूल्यों के अंतर का लाभ उठाना भी शामिल है।

‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ मिलेगी यह मदद

‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ ऊर्जा उत्पादन को डी-कार्बोनाइज करने में भी मदद करेगा, जो आज वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है। विश्व स्तर पर अन्य समान पहलों के साथ अपने प्रयासों और कार्यों को समन्वित करने के उद्देश्य से ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ ने जीजीआई के साथ एक एकीकृत जीजीआई-‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ पहल बनाने के लिए हाथ मिलाया है, इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर लचीली ग्रिड के तेजी से विकास में योगदान देना है और महाद्वीपीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय ग्रिड बुनियादी ढांचा कार्यक्रम का निर्माण करना है।

इंग्लैंड की सीओपी प्रेसीडेंसी, भारत सरकार और आईएसए की प्रेसीडेंसी ने सीओपी26 से इस सहयोग की घोषणा करने की उम्मीद है, जिससे दोनों पहलों के संयुक्त विजन को पूरा करने में मदद करने के लिए तकनीकी, वित्तीय और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके। यह सहयोग पारस्परिक लाभ और वैश्विक स्थिरता के लिए साझा किए गए परस्पर नवीकरणीय ऊर्जा के वैश्विक इकोसिस्टम तंत्र की ओर एक और लम्बी छलांग होगी। यह जलवायु परिवर्तन को सामूहिक रूप से कम करने और वैश्विक ऊर्जा पारगमन में सहायता प्रदान करने वाला एक लचीला कदम बन जाएगा।

सोलर पीवी पैनलों और बैटरी उपयोग अपशिष्ट का प्रबंधन और सौलर हाइड्रोजन कार्यक्रम की शुरुआत

इसके अलावा सभा के दौरान, दो नए कार्यक्रमों- सोलर पीवी पैनलों और बैटरी उपयोग अपशिष्ट का प्रबंधन और सौलर हाइड्रोजन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। नई हाइड्रोजन पहल का उद्देश्य अधिक सस्ती दरों पर हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को सक्षम बनाना है। यह दरें जो वर्तमान में 5 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम है उसे घटाकर 2 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम तक लाया जाएगा।

प्राकृतिक गैस की तुलना में हाइड्रोजन की लागत को प्रतिस्पर्धी बनाने की राह में आपूर्ति और प्रदर्शन दोनों में ही बड़ी चुनौतियां सामने आती हैं। हालांकि, लागत में कमी आने से कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। सभा में हुई चर्चाओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसएमई क्लस्टर हाइड्रोजन के उपयोग सेडीजल जेनसेट को हटा सकते हैं, जो आज के सौर हाइड्रोजन मूल्यों की तुलना में भी अधिक व्यवहार्य हैं। इस बारे में भी चर्चा की गई कि कैसे आईएसए का कचरा प्रबंधन कार्यक्रम अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों की बढ़ती हुई मात्रा, अपशिष्ट के बारे में विशिष्ट कानून की कमी और अपशिष्ट उपचार की अधिक लागत के लिए महत्वपूर्ण हो सकते है।

इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ने आईएसए के सदस्य देशों में सौर ऊर्जा के लिए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का वैश्विक निवेश जुटाने के लिए ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज के साथ भागीदारी करने की भी घोषणा की। यह दोनों संगठन एक सौर निवेश कार्य एजेंडा और सौर निवेश रोडमैप विकसित करने के लिए वर्ल्ड संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई) के साथ मिलकर करेंगे, जिसे सीओपी26 में लॉन्‍च किया जाएगा।